आहार में सर्वोत्तम संतुलन
Goupalanand का मुख्य उद्देश्य गाय-भैंस की सभी पोषण संबंधी आवश्यकताओं (feed management requirements) की संतुष्टि और उनके आहार में सर्वोत्तम संतुलन (optimum balance) प्राप्त करना है।
हमने देखा है कि आम-तौर पर पशुपालक गाय-भैंस को वर्ष के अधिकतर महिनों में भूसा अथवा पुआल जैसे सूखा चारा के साथ-साथ कुछ हरी घास या हरा चारा खिलाते है, जिस्से गाय-भैंस का पेट तो भर जाता है, परंतु उनसे गाय-भैंस को आवश्यक सभी पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती है। इसलिए वैज्ञानिकों द्वारा यह आवश्यक माना गया है कि गाय-भैंस के नियमित आहार में कुछ ऐसे खाद्य मिश्रण का समुचित मात्रा (appropriate quantity) में समावेश कर दिया जाए, जिसमें सभी पोषक तत्त्व संतुलित मात्रा (balanced quantity) में हो और जिसे चारा के अतिरीक्त (in addition to) प्रतिदिन खिलाया जाए। अधिक जानिए
Goupalanand संतुलित पशु आहार, चारा-दाना और मेथो-चिलेटेड खनिज लवण का वह मिश्रण है, जिसमें गाय-भैंस के लिए आवश्यक विभिन्न पोषक तत्त्व जैसे की कार्बोहायड्रेट (carbohydrates), प्रोटीन (Protein), वसा (Fat), खनिज मिश्रण (chelated mineral mixture) जैसे की कैल्शियम, फॉस्फोरस, कॉपर, कोबाल्ट, आयरन, आयोडीन, मैंगनीज, सोडियम सेलेनाइट, जिंक, तथा विभिन्न विटामिन्स (Vitamins) जैसे की विटामिन A, D3, E, B1, B2, B12 और विटामिन H, एमिनो एसिड्स, हर्ब्स, प्रोबायोटिक्स, एंजाइम काम्प्लेक्स, नमक इत्यादि उचित मात्रा (appropriate quantity) एवं समुचित अनुपात (appropriate proportion) में मौजूद है। अधिक जानिए
गाय-भैंस का दूध उत्पादन खूब एवं दूध में वसा की मात्रा बढ़ती है।
दूध की गुणवत्ता B.I.S. मानकों के अनुरूप उच्च किस्म की रहती हैं।
ब्याने के समय गाय-भैंस में गर्भाशय की तकलीफ नहीं रहती |
गाय-भैंस के प्रसूति में
आसानी रहती है।
गाय-भैंस-बछिया का शारीरिक बढ़वार सही रहता है।
गाय-भैंस समय पर हीट/मद (एसट्रस) में आती हैं, गर्भ ठहरने की सम्भावना बढ़ती है।
गर्भ में पल रही मादा भ्रूण स्वस्थ, मजबूत और दुधारू होता है।
पशु का रक्ताभिसरण
सही रहता है।
बच्चा देने के बाद जेर/ प्लेसान्टा बिना किसी रूकावट के समय पर आसानी से गिर जाती है।
दुग्ध ज्वर (milk fever) आदि बीमारियों की सम्भावना कम हो जाती है।
बछिया कम उम्र में 250 किलो वजन धारण कर जल्दी गर्भ धारण करने की क्षमता प्राप्त करती हैं।
पशु तंदुरुस्त/ निरोग रहता है अर्थात रोग-प्रतिरोधक क्षमता उच्च किस्म की होती है।
गाय-भैंस हर साल बच्चा देती हैं।
Goupalanand का मुख्य उद्देश्य गाय-भैंस की सभी पोषण संबंधी आवश्यकताओं (feed management requirements) की संतुष्टि और उनके आहार में सर्वोत्तम संतुलन (optimum balance) प्राप्त करना है।
Goupalanand गौ-विज्ञान के नियमानुसार सर्वोत्त्तम क्वालिटी का संतुलित पशु आहार तैयार कर पूरे भारत देश में किफायती दामों में उपलब्ध करवाना चाहता है।
Goupalanand संतुलित पशु आहार देने के फल स्वरुप दूध बढ़ने से पशुपालकों की आय में वृद्धि तो होगी ही, साथ-ही-साथ गाय-भैंस को अनेक शारीरिक बिमारियों (bodily diseases) व जिनेटिक त्रुटियों (genetic abnormalities) से भी बचाया जा सकता है ।
यह पुस्तक वैज्ञानिकों द्वारा गाय-भैंस पर किये गए वैज्ञानिक अनुसंधानों के प्रतिपादन का संकलन मात्र है। पुस्तक लिखने का मूल उद्देश्य गाय- भैंस की निर्मम हत्या को रोकना एवं अत्यधिक दूधारू नस्लें निरन्तर देश में तैयार करके, सही मायनों में श्वेत क्रांति लाना है।